रायपुर.छत्तीसगढ़ कैडर के तेज-तर्रार IAS अधिकारी अमित कटारिया, जो अपनी सख्त और बेबाक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं, सेंट्रल डेपुटेशन से लौट आए हैं। करीब 7 सालों तक छत्तीसगढ़ से बाहर रहने के बाद कटारिया ने प्रदेश के मंत्रालय में अपनी जॉइनिंग दे दी है। उनके लौटते ही एक बार फिर उनकी पुरानी चर्चाओं और विवादों का दौर शुरू हो गया है।

कटारिया का छत्तीसगढ़ में हर कार्यकाल सुर्खियों में रहा है। अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों में उन्होंने सैलरी के रूप में सिर्फ 1 रुपया लिया, जिससे उन्होंने अपनी नौकरी को सेवा की भावना से किया। 2004 बैच के इस अधिकारी ने रायपुर और बस्तर में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी छाप छोड़ी है।

लेकिन, अमित कटारिया के करियर में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही वो घटना, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काला चश्मा लगाकर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद कटारिया को नोटिस थमाया गया था, जो उनके करियर का सबसे बड़ा विवाद बन गया।

गुड़गांव के रहने वाले और कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले कटारिया अब एक बार फिर छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक मशीनरी में अपनी नई पारी शुरू कर चुके हैं। उनकी वापसी के साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह अपने पिछले कार्यकाल की तरह फिर से चर्चा में रहते हैं, या इस बार कोई नया अध्याय लिखते हैं।